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देवास जिले में राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप अवेयरनेस कार्यशाला का हुआ आयोजन

देवास 28 फरवरी 2023/ भारत सरकार के क्षेत्रीय निदेशालय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय मध्य प्रदेश द्वारा उज्जैन जोन के तहत देवास में 07 जिलों के लिए राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप अवेयरनेस (राष्ट्रीय शिक्षुता जागरूकता) कार्यशाला का आयोजन रामाश्रय पैराडाइज देवास में किया गया। कार्यशाला में कलेक्‍टर श्री ऋषव गुप्ता, क्षेत्रीय निदेशक श्री जे.पी. मीणा, मंगला उद्योग के अध्यक्ष श्री गिरीश मंगला, संयुक्त निदेशक एम.जी. तिवारी की उपस्थिति में कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला में आरडीएसडीई भोपाल के उप निदेशक सुश्री आर ईश्वरी,  सहायक निदेशक श्री सुमंत कुमार, सहायक निदेशक सुश्री अंकिता बंसल और इंदौर के एनएसटीआई के उपनिदेशक/प्राचार्य श्री डी.एल. मीना, सहायक निदेशक श्री साकेत कुमार, जूनियर कंसल्टेंट श्री आनंद यादव मौजूद रहे।

     कलेक्‍टर श्री ऋषव गुप्ता ने सभी हितधारकों और उद्योग प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए देवास जिले में भी एनएपीएस को बढ़ावा देने और लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया। देवास के लक्ष्य के संबंध में राज्य के अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कार्यशाला के आयोजन के लिए आरडीएसडीई के प्रयास की प्रशंसा की और उम्मीद की कि देवास जिले के उद्योग इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे और इस अधिनियम के तहत जिले का रैंक बढ़ाएंगे।

      कार्यालय प्रमुख आरडीएसडीई मध्य प्रदेश श्री सुनील कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया और प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों की शंकाओं का समाधान किया। कार्यशाला में उद्योग के 100 से अधिक प्रतिनिधि और आसपास के आईटीआई के अधिकारी उपस्थित थे। 

       कार्यशाला में बताया गया कि मध्य प्रदेश में इस प्रकार की 10 कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। आरडी आरडीएसडीई मध्य प्रदेश श्री मीणा ने उद्योगों को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार अधिक से अधिक फ्रेशर अप्रेंटिस लगाने के लिए प्रोत्साहित किया और अप्रेंटिस एक्ट 1961 की विस्तृत जानकारी दी।

     देश में शिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए देश भर में 250 स्थानों पर जिला स्तरीय जागरूकता कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इन जिला स्तरीय कार्यशालाओं का उद्देश्य शिक्षुता प्रशिक्षण, राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) के तहत लाभ, शिक्षुता पोर्टल के कामकाज और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई), सरकार द्वारा लिए गए नीतिगत निर्णयों के प्रसार पर प्रतिष्ठानों के बीच जागरूकता पैदा करना है।

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