प्रतिस्पर्धा के इस युग में आम आदमी का आनंद कही खो गया है, उस खोये हुए आनंद को जीवन प्रबंधन से पुनः लाया जा सकता – प्रो. डॉ. समीरा नईम

देवास, 16 मार्च 2023/ “प्रतिस्पर्धा के इस युग में आम आदमी का आनंद कही खो गया है, उस खोये हुए आनंद को जीवन प्रबंधन के द्वारा पुनः लाया जा सकता है। विश्वास और आनंद की लौ से व्यक्ति अपने जीवन को प्रकाशित कर सकता है।” ये विचार आज मध्यप्रदेश राज्य आनंद संस्थान द्वारा खातेगांव में आयोजित अल्पविराम परिचय कार्यशाला में आनंद संस्थान की संभागीय समन्वयक प्रो. डॉ समीरा नईम ने व्यक्त किए। इस दौरान एसडीएम श्रीमती शिवानी तरेटिया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत श्रीमती अंकिता अलावा, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि श्री नरेंद्र चौधरी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्री लक्ष्मीनारायण गौरा नारायण जोशी आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में क्षेत्र के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्री लक्ष्मीनारायण गौरा ने अपने उद्धबोधन में कहा कि “यदि अपनी सोच को सकारात्मक रखा जाए तो आंनद कही से भी प्राप्त किया जा सकता हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि श्री नरेंद्र चौधरी ने कहा कि समय के साथ आनंद की परिभाषा बदलती जा रही है, व्यक्ति को तनाव मुक्त रहकर हमेशा आनन्दित रहना चाहिए तथा एसडीएम शिवानी तरेटिया ने कहा कि व्यक्ति यदि आनन्दित रहेगा तो अपने सभी कार्य तनावमुक्त होकर कर पायेगा। अतिथियों के साथ आनंद संस्थान की संभागीय समन्वयक प्रोफेसर डॉ. समीरा नईम, प्रशिक्षक मास्टर ट्रेनर डॉ. गजेंद्र शर्मा, पवन परिहार, कृपालिसिंह राणा आदि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला में शासकीय एवं अशासकीय प्रशिक्षणार्थियों के साथ नगर के गणमान्य जन एवं मातृशक्ति ने उत्साह पूर्वक भाग लिया और पूरे समय उत्सुकता से सक्रिय भागीदारी की।
कार्यशाला को उद्धबोधित करते हुए आनंद संस्थान की संभागीय समन्वयक श्रीमती समीरा नईम ने आनंद संस्थान का परिचय, अल्पविराम की अवधारणा तथा दिन भर के प्रशिक्षण को सूत्रबद्ध संचालित करते हुए व्यक्ति की क्षमताओं पर चर्चा की तथा ताली और मेरी क्षमता की गतिविधि को करवाया। कार्यशाला के दूसरे सत्र में डॉ नईम ने अपने निजी जीवन के कई अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि जिंदगी का लेखा जोखा कैसे तैयार किया जाए। प्रशिक्षक पवन परिहार ने ‘रिश्तो की यात्रा’ पर विस्तार से चर्चा कर रिश्तों को संभालने की कला का प्रशिक्षण दिया। प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव साझा किये। कुल मिलाकर यह कार्यशाला एक अनूठी पहल थी जो राज्य आनंद संस्थान के द्वारा हर विकासखंड में की जा रही है। अंत में डॉ. गजेंद्र शर्मा ने आभार प्रदर्शित किया। कार्यक्रम समन्वयक व आनंदक श्री मनीष यादव ने ये जानकारी देते हुए बताया कि कार्यशाला में आनंदक मनोज दुबे, दीपक पोरवाल, जय जाधव,राधेश्याम मालवीय, राजेंद्र हथेल, मनोज उपाध्याय आदि का सराहनीय सहयोग रहा।






